Parliamentary Committee suggests UPSC take steps to release answer key immediately after CSE Prelims exam.

आमतौर पर ऐसा होता है कि यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा होने के कुछ दिन बाद ही आंसर-की जारी की जाती है, लेकिन अब इस संबंध में संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि यूपीएससी को प्रीलिम्स परीक्षा होने के तुरंत बाद आंसर-की जारी कर देनी चाहिए, जिससे विश्वसनीयता, निष्पक्षता और अभ्यर्थियों का आत्मविश्वास बना रहे. इस बारे में यूपीएससी ने संसदीय समिति को बताया है कि वह चयन प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही प्रारंभिक परीक्षा की आंसर-की प्रकाशित करता है.

कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय विभाग संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 145वीं रिपोर्ट में कहा कि इससे उम्मीदवारों की अगले चरण में आगे बढ़ने से पहले संभावित त्रुटियों को चुनौती देने की क्षमता में देरी होती है, जिससे पारदर्शिता और निष्पक्षता कम होती है. इस तरह की चीजें उम्मीदवारों का मनोबल गिरा सकती हैं और परीक्षा की वैधता को लेकर चिंताएं पैदा कर सकती हैं. समिति ने कहा कि कड़ी जांच के बावजूद आंसर-की में त्रुटियों की संभावना से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता.

पिछली रिपोर्ट में क्या कहा था?

संसदीय समिति ने अपनी पिछली रिपोर्ट में भी यही बात कही थी कि यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद आंसर-की जारी करने के लिए कदम उठा सकता है और आगे बढ़ने से पहले अभ्यर्थियों को आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर दे सकता है, जिससे विश्वसनीयता, निष्पक्षता और अभ्यर्थियों का आत्मविश्वास बढ़े.

बसवान समिति की सिफारिशों में क्या?

समिति ने ये भी सिफारिश की है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को बसवान समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित करनी चाहिए. दरअसल, बसवान समिति का गठन सिविल सेवा परीक्षा की योजना और पाठ्यक्रम में समय-समय पर किए गए बदलावों के प्रशासन और कैंडिडेट्स पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के लिए किया गया था.

बसवान समिति की सिफारिशों पर क्या प्रगति हुई, इस बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में विभाग ने संसदीय समिति को बताया कि विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. रिपोर्ट में उम्र सीमा, पाठ्यक्रम, क्वेश्चन बैंक, परीक्षा का तरीका और आंसर-की जारी करने संबंधी जैसे कई पहलुओं के बारे में बताया गया है.

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